उस आदम के पास जो शुद्ध अशुद्ध में फर्क नहीं जानता था। उस आदम के पास जो शुद्ध अशुद्ध में फर्क नहीं जानता था।
कहीं न कहीं स्वप्न में ही सही वह जिन्नी से ... असीम शक्ति पाती थी ... कहीं न कहीं स्वप्न में ही सही वह जिन्नी से ... असीम शक्ति पाती थी ...
दोहरी ज़िंदगी का पैमाना नापा नहीं जाता... दोहरी ज़िंदगी का पैमाना नापा नहीं जाता...
अंदर अंदर कुछ कचोटता है खुलेपन की बिंदास मुस्कुराहट ओढे़ खुद ही खुद से लड़ती हैं बेबाक औरतें बहुत ... अंदर अंदर कुछ कचोटता है खुलेपन की बिंदास मुस्कुराहट ओढे़ खुद ही खुद से लड़ती है...
सोच लोगों की सोच लोगों की